देश के करोड़ों राशन कार्ड धारकों के लिए सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) में बड़े सुधारों का ऐलान किया है। नई व्यवस्था 30 नवंबर 2025 से लागू होने की संभावना है, जिसके बाद गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को आर्थिक राहत के साथ बेहतर पोषण सुरक्षा का लाभ मिलेगा। यह कदम वितरण प्रणाली को अधिक आधुनिक, पारदर्शी और सुविधाजनक बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
सभी श्रेणी के कार्डधारकों को मिलेगा समान लाभ
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि नई सुविधाएँ सभी श्रेणी के राशन कार्ड धारकों पर समान रूप से लागू होंगी। चाहे लाभार्थी बीपीएल हों या अन्त्योदय योजना से जुड़े हों, हर परिवार को समान अधिकार और समान मात्रा में खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। इससे आर्थिक रूप से कमजोर समाज के हर वर्ग को बराबरी का लाभ सुनिश्चित होगा।
पोषण सुरक्षा को मजबूत करने के लिए खाद्य सामग्री में विविधता
अब राशन में सिर्फ गेहूं और चावल ही नहीं मिलेगा, बल्कि खाद्य सामग्री की विविधता बढ़ाई जाएगी। परिवारों को दालें, खाद्य तेल, बाजरा और अन्य पौष्टिक अनाज भी प्रदान किए जाएंगे। इससे मासिक बजट में बचत होगी और कुपोषण की समस्या में कमी आकर पोषण स्तर में उल्लेखनीय सुधार होगा।
अशक्त और बुजुर्गों के लिए घर-घर राशन डिलीवरी
वरिष्ठ नागरिकों और गंभीर बीमारी से जूझ रहे लाभार्थियों के लिए घर-घर राशन डिलीवरी का प्रावधान किया गया है। जो लोग चलने-फिरने में सक्षम नहीं हैं, उन्हें अब राशन दुकान पर कतारों में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह सुविधा उनके लिए जीवन को पहले से अधिक सरल और सुविधाजनक बनाएगी।
पारदर्शिता बढ़ाने के लिए डिजिटल वितरण प्रणाली लागू
सरकार वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल तकनीक का उपयोग करेगी। मशीन-आधारित और तकनीकी-सक्षम वितरण प्रणाली शुरू की जाएगी, जिससे बिचौलियों की भूमिका पूरी तरह समाप्त होगी। हर लाभार्थी को उसका निर्धारित हिस्सा सीधे और सही तरीके से प्राप्त होगा।
तिमाही आधार पर राशन वितरण से खत्म होगी बार-बार की परेशानी
महीने-महीने राशन दुकान पर जाने की समस्या को देखते हुए तिमाही वितरण व्यवस्था लागू करने पर विचार किया जा रहा है। इस नई प्रणाली में परिवारों को एक बार में तीन महीने का राशन दिया जाएगा। यह सुविधा खासकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगी।
महिला सशक्तिकरण के लिए नई पहल शुरू करने की तैयारी
सरकार ने पीडीएस सुधारों को महिला सशक्तिकरण से भी जोड़ा है। कई राज्यों में महिलाओं को सिलाई-कढ़ाई से जुड़े उपकरण उपलब्ध कराए जाने की योजना है, ताकि वे घर बैठे स्वरोजगार शुरू कर सकें। साथ ही कुछ राज्यों में महिलाओं के बैंक खातों में सीधे आर्थिक सहायता भेजने की तैयारी भी की जा रही है।
डीबीटी के माध्यम से बैंक खातों में सीधी आर्थिक मदद
कई राज्य सरकारें खाद्यान्न के बजाय प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के विकल्प को लागू करने पर विचार कर रही हैं। इस मॉडल के तहत लाभार्थियों के बैंक खातों में सीधे नकद राशि भेजी जाएगी। यह प्रणाली प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने और गरीबी उन्मूलन में तेज गति लाने में सहायक होगी।
धोखाधड़ी रोकने के लिए आधार लिंकिंग अनिवार्य
नई सुविधाओं का लाभ जारी रखने के लिए आधार लिंकिंग अनिवार्य कर दी गई है। राशन कार्ड का आधार से लिंक होना और बायोमेट्रिक सत्यापन पूरा करना जरूरी होगा। अधूरी जानकारी या लिंकिंग न होने पर राशन कार्ड निष्क्रिय भी हो सकता है। यह कदम फर्जी और डुप्लीकेट कार्डों पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है।
लाभ के लिए क्या करें लाभार्थी?
नए आवेदकों को सलाह दी जा रही है कि वे निकटतम खाद्य आपूर्ति कार्यालय में जाकर जल्द से जल्द राशन कार्ड के लिए आवेदन करें। वहीं मौजूदा कार्डधारकों को अपने दस्तावेज अपडेट रखने, आधार लिंकिंग सुनिश्चित करने और समय-समय पर दी जाने वाली सूचना पर ध्यान देने की जरूरत है, ताकि उन्हें सभी नई सुविधाओं का लाभ बिना किसी रुकावट के मिलता रहे।
